Qaseem Haider Success Story: बिहार के सासाराम में जन्मा एक साधारण लड़का, जो कभी मंच पर अपने शब्द कहने से डरता था, आज बॉलीवुड में अपनी पहचान बना चुका है। कसीम हैदर का सफर सिर्फ एक करियर जर्नी नहीं, बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सपने तो देखते हैं, लेकिन हालात और समाज की बंदिशों के कारण उन्हें छोड़ देते हैं।
“जिस दिन शब्द नहीं थे, उस दिन रोना आया…”
कसीम की जिंदगी का सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब एक मंच पर एक प्रसिद्ध शायर ने उनसे कहा – “कुछ अपना भी सुनाओ!”लेकिन उनके पास अपने लिखे शब्द नहीं थे। वह पल उनके लिए सबसे ज्यादा शर्मिंदगी भरा था। मंच से उतरते ही उन्होंने खुद से वादा किया – “अब अगली बार जब बोलूंगा, तो सिर्फ अपना लिखा हुआ ही सुनाऊंगा।”
क्या कोई सोच सकता था कि जिस लड़के के पास कभी अपने शब्द नहीं थे, वह एक दिन बॉलीवुड में गीतकार, अभिनेता और एंकर बनेगा?
“नजीबाबाद से मुंबई का सफर – हर कदम पर ठोकरें”
जब उन्होंने अपने सपनों की उड़ान भरनी चाही, तो रास्ते आसान नहीं थे। नजीबाबाद से मुंबई पहुंचे कसीम ने जब ऑडिशन देने शुरू किए, तो हर जगह उन्हें ताने सुनने को मिले –
- “तुम्हारी शक्ल हीरो जैसी नहीं है।”
- “अगर काम चाहिए तो पैसे दो।”
- “तुम्हें कौन काम देगा?”
हर रिजेक्शन उनके आत्मविश्वास को तोड़ता, लेकिन हार मानना उन्होंने सीखा ही नहीं था। धीरे-धीरे उन्होंने घोस्ट राइटिंग शुरू की – गाने लिखे, जो दूसरों के नाम से रिलीज़ हुए। जब खुद के शब्द दूसरों के नाम से चलते देखे, तो मन रो पड़ा, लेकिन यही दर्द उनकी ताकत बन गया।
“पहली बार टीवी पर चेहरा दिखा, तो माँ रो पड़ी…”
कसीम ने जब “हम हैं सिकंदर” नामक टीवी शो में अपना पहला अभिनय किया, तो उनकी माँ ने रोते हुए कहा –
“बेटा, लोग कहते थे कि तू कुछ नहीं कर पाएगा, लेकिन आज तूने साबित कर दिया कि सपने पूरे होते हैं!”
यह सिर्फ उनकी माँ की नहीं, हर उस माँ की आँखों से निकले आँसू थे, जिनके बच्चे संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन किसी ने उन पर भरोसा नहीं किया।
“700 से ज्यादा स्टेज शो, फिर भी संघर्ष जारी…”
कसीम ने 700 से ज्यादा स्टेज शो किए, कई फिल्मों में अभिनय किया, दो फिल्में लिखीं, लेकिन आज भी कहते हैं –
“मेरा सफर अभी खत्म नहीं हुआ, मैं उन लोगों के लिए कामयाब बनना चाहता हूँ, जो मुझ पर यकीन नहीं करते थे!”
“एक सबक हर स्टूडेंट के लिए”
अगर आप भी किसी संघर्ष से गुजर रहे हैं, अगर आपको भी लोग कह रहे हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते, तो कसीम हैदर की कहानी याद रखना!
“मुश्किलें आएंगी, लोग हंसेंगे, ताने देंगे, लेकिन अगर आप अपने सपने के लिए लड़ते रहोगे, तो वही लोग एक दिन तालियाँ भी बजाएंगे!”
“मत रोओ, मत रुको, बस चलते रहो!”*
अगर आज आप हार मान लेंगे, तो दुनिया हमेशा कहेगी – “देखा, हम सही थे!” लेकिन अगर आपने हिम्मत दिखाई, तो एक दिन दुनिया कहेगी – “वाह! तुमने कर दिखाया!”
कसीम हैदर की कहानी उन हर छात्र, हर युवा, हर सपने देखने वाले के लिए है, जो किसी को अपने सपनों को मारने नहीं देना चाहते।