इंदौर, मध्य प्रदेश: आज बात करेंगे अपने इंदौर की, जिसने फिर कमाल कर दिया! लगातार आठवीं बार पूरे हिंदुस्तान में स्वच्छता का खिताब अपने नाम कर लिया है। अब आप कहेंगे, “भई वाह! ये तो इंदौरियों का जलवा है!” बिल्कुल है, पर एक बात बताएँ? इस बार की जीत के पीछे एक ऐसा ‘सीक्रेट’ है, जिसे शायद ही किसी ने सोचा होगा। झाड़ू-पौंछा, कचरा गाड़ी, ये सब तो ठीक है, पर असली बाजीगर तो कोई और ही निकला!
कौन है ये असली हीरो?
कोई बड़ा अफसर नहीं, कोई नेता नहीं, बल्कि एक बंदा है जिसने अपने गानों से पूरे शहर का मूड बदल दिया! जी हाँ, नाम है उनका देवऋषि! इन्हें म्यूजिक की दुनिया में ऋषि किंग भी कहते हैं। इनका असली नाम तो ऋषिकेश पांडेय है, पन्ना के रहने वाले हैं। पर भई, इन्होंने जो कमाल दिखाया है, वो कोई छोटा-मोटा नहीं है। ये सिर्फ गाने नहीं बनाते, ये तो ‘दार्शनिक गीतकार’ हैं, इनकी धुनें सीधे दिल में उतरती हैं!
‘हो हल्ला’ – जब गाने ने बदल दी कहानी!
बात है साल 2016 की। इंदौर में सफाई की बातें तो खूब होती थीं, पर लोग दिल से नहीं जुड़ पा रहे थे। तब एंट्री हुई अपने देवऋषि की। इन्होंने बनाया एक गाना – ‘हो हल्ला’! इस गाने को आवाज दी मशहूर सिंगर शान ने। ये कोई सरकारी विज्ञापन नहीं था, ये तो इंदौरियों का सुबह का ‘अलार्म’ बन गया!
सुबह-सुबह जब नगर निगम की गाड़ियां निकलतीं, तो इसी गाने की धुन बजती। बच्चे स्कूल जाते हुए इसे गुनगुनाते, शादियों में, गरबों में, जुलूसों में – हर जगह ये ‘हो हल्ला’ बजने लगा। देवऋषि खुद कहते हैं, “ये सिर्फ गाना नहीं था भाई, ये तो एक एहसास था… जो लोगों के दिल में उतर गया।” सोचिए, गानों में इतनी ताकत!
हर जीत पर एक नई धुन!
इंदौर जब पहली बार नंबर-1 आया, तो सबने खुशी मनाई। पर देवऋषि ने सिर्फ खुशी नहीं मनाई, उन्होंने एक और धुन बना दी! फिर ‘हो हल्ला अगेन’ आया। जब इंदौर ने हैट्रिक मारी, तो ‘हैट्रिक’ गाना आया, जिसमें शान, जुबिन नौटियाल और पायल देव ने आवाज दी। ‘चौका’ मारने पर शंकर महादेवन ने गाया, और अब आठवीं बार जीतने पर सोनू निगम की आवाज में ‘हल्ला बोल’ ने धूम मचा रखी है! हर गाना लोगों की रग-रग में बस गया, और इंदौरी सीना चौड़ा करके कहने लगे – “हम हैं इंदौरी, स्वच्छता हमारी शान है!”
अब सिर्फ इंदौर नहीं, पूरा देश सुन रहा देवऋषि की धुन!
इंदौर में तो कमाल कर ही दिया, अब देवऋषि पूरे देश में अपनी धुन बजा रहे हैं। रायपुर के लिए ‘मोर रायपुर’ बनाया, भोपाल के लिए ‘स्वच्छता की राजधानी’, और भी कई शहरों में उनके गाने स्वच्छता की अलख जगा रहे हैं। ये तो कमाल का जादूगर निकला भाई!
संगीत से अब मन की सफाई!
अब तो देवऋषि सिर्फ गाने ही नहीं बना रहे, बल्कि लोगों के मन और भावनाओं का भी इलाज कर रहे हैं! उन्होंने साधना पांडे के साथ मिलकर एक संस्था बनाई है, ‘सनातन विज़डम’। यहाँ भारतीय ध्वनि दर्शन के ज़रिए मानसिक स्वास्थ्य पर काम हो रहा है। गजब का काम है ये तो!
तो अगली बार जब इंदौर की सफाई की बात हो, तो झाड़ू लगाने वालों को सलाम जरूर करना, पर ये मत भूलना कि इस पूरे आंदोलन की असली आवाज कौन था – अपना ‘हो हल्ला’ वाला देवऋषि! इसने गानों से पूरे शहर की सोच बदल दी और इंदौर को बार-बार नंबर-1 बना दिया! जय हो इंदौर की, जय हो देवऋषि की!