कुरुक्षेत्र/जयपुर: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में जयपुर की 12 वर्षीय गुनगुन मिश्रा ने अपनी असाधारण प्रतिभा से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गुनगुन ने इस महोत्सव में प्रसिद्ध अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि के साथ मंच साझा किया और ऐसा अद्भुत नृत्य प्रदर्शन किया कि हर कोई उनकी कला का कायल हो गया। इस शानदार प्रस्तुति से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुनगुन को एक विशेष प्रशस्ति पत्र भेजकर सम्मानित किया।
गुनगुन मिश्रा, जिनका असली नाम विनिध्या मिश्रा है, ने अपनी कला से न केवल दर्शकों का दिल जीता, बल्कि मीनाक्षी शेषाद्रि जैसी दिग्गज कलाकार को भी प्रभावित किया। उनकी भावपूर्ण मुद्राएं, लयबद्ध चाल और चेहरे के भावों ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस नृत्य प्रदर्शन ने गुनगुन की प्रतिभा और समर्पण को दर्शाया, जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।
कला और शिक्षा का अद्भुत संगम:
गुनगुन न केवल एक प्रतिभाशाली नृत्यांगना हैं, बल्कि पढ़ाई में भी अव्वल हैं। वह वर्तमान में जयपुर में कक्षा 7 की छात्रा हैं और उन्होंने कक्षा 6 में A1 ग्रेड प्राप्त किया था। भरतनाट्यम, कथक और भारतीय सांस्कृतिक कला में उनकी गहरी रुचि है, जो उनकी कला को और भी विशेष बनाती है।
प्रधानमंत्री का सम्मान:
गुनगुन की इस अद्भुत प्रस्तुति से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक विशेष प्रशस्ति पत्र भेजा। यह सम्मान उनकी कला और समर्पण का प्रतीक है, और यह दर्शाता है कि गुनगुन ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।
डिजिटल दुनिया में भी गुनगुन का जलवा:
गुनगुन ने कोविड-19 महामारी के दौरान एक यूट्यूब चैनल शुरू किया, जिसके वीडियो को लाखों व्यूज मिले हैं। इंस्टाग्राम पर भी उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। 2019 में, उन्होंने थाईलैंड के बैंकॉक में एक अंतर्राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता में भी भाग लिया था, जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था।
परिवार का समर्थन:
गुनगुन की सफलता में उनके परिवार का अहम योगदान है। उनके पिता, विवेक मिश्रा, एक NEET कोचिंग शिक्षक हैं, और उनकी मां, निधि मिश्रा, एक गृहिणी हैं। उन्होंने हमेशा गुनगुन को प्रोत्साहित किया और उनकी प्रतिभा को निखारने में मदद की।
भविष्य के सपने:
गुनगुन का सपना है कि वह भारत की सांस्कृतिक राजदूत बनें और भारतीय कला और परंपरा को दुनिया भर में पहचान दिलाएं। उनकी प्रतिभा और लगन को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि वह निश्चित रूप से अपने सपनों को साकार करेंगी।
इस प्रकार, गुनगुन मिश्रा की कहानी न केवल एक युवा कलाकार की असाधारण प्रतिभा की गाथा है, बल्कि यह उन सभी बच्चों के लिए एक प्रेरणा है जो अपनी प्रतिभा को पहचानकर उसे आगे बढ़ाना चाहते हैं।