उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में इन दिनों एक अनोखी फिल्म की शूटिंग जोर-शोर से चल रही है। फिल्म का नाम है ‘भोज’, और इसे लेकर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में पहले से ही चर्चाओं का माहौल गर्म है। सेफसी अंचन ग्रुप के बैनर तले बन रही इस फिल्म के निर्देशक चंदन सिंह ने फिल्म की थीम को लेकर एक बड़ा रहस्य पैदा कर दिया है। उनका कहना है कि फिल्म ‘भोज’ का विषय और इसमें छिपे गहरे अर्थ तब तक उजागर नहीं किए जाएंगे, जब तक कि दर्शक खुद अपने अनुमान से उसे समझने की कोशिश नहीं करेंगे।
‘भोज’ शब्द के कई रूप और मायने
फिल्म का नाम ‘भोज’ अपने आप में एक विशेषता लिए हुए है, क्योंकि यह शब्द कई अलग-अलग संदर्भों में उपयोग होता है। भोजपुरी भाषा में इसकी गहरी जड़ें हैं, तो वहीं सामाजिक और पारिवारिक आयोजनों में इसे उत्सव के रूप में भी जाना जाता है। यही नहीं, ‘भोज’ शब्द से भोजपुर जिले का नाम भी जुड़ा हुआ है, और पुरातन काल के भोजपत्र में भी इसका उल्लेख मिलता है।
निर्देशक चंदन सिंह ने बताया कि फिल्म का कंटेंट इन्हीं संदर्भों के इर्द-गिर्द घूमता है। उनके अनुसार, “भोज एक ऐसा शब्द है जिसके कई मायने होते हैं, और हमने इसकी व्यापकता को फिल्म की कहानी में समाहित किया है। परंतु इसके असली उद्देश्य को फिलहाल गुप्त रखा गया है ताकि दर्शक इसे खुद समझने का प्रयास करें।”
सामाजिक मुद्दों पर आधारित मनोरंजन
फिल्म ‘भोज’ केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है। इसमें सामाजिक मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया है। चंदन सिंह का मानना है कि मनोरंजन और सामाजिक संदेशों का संयोजन दर्शकों के दिलों में एक स्थायी छाप छोड़ता है। फिल्म के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “हम अक्सर सामाजिक विषयों पर फिल्में कम देखते हैं, लेकिन हमारा उद्देश्य है कि हम मनोरंजन के साथ-साथ समाज को भी जागरूक कर सकें।”
गोरखपुर में शूटिंग, दर्शकों को मिलेगी सात गानों की सौगात
फिल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में हो रही है, जो अगले 20 से 25 दिनों तक चलेगी। फिल्म में सात गाने होंगे, जिनमें संगीत और गीत का अनोखा सम्मिश्रण है। फिल्म के संगीतकार अमन श्लोक और गीतकार ने गानों को पूरी फिल्म के साथ जोड़ने का बेहतरीन प्रयास किया है।
स्टारकास्ट और क्रू की मजबूत टीम
फिल्म ‘भोज’ की स्टारकास्ट में भोजपुरी सिनेमा के कई चर्चित चेहरे शामिल हैं, जैसे यामिनी सिंह, डॉ. महेश कुमार, अवधेश मिश्रा, और बीना पांडे। फिल्म के निर्माता निजाम खान, लेखक अनिल विश्वकर्मा, और डीओपी साहिल जे. अंसारी जैसे अनुभवी लोगों का भी योगदान है।
दर्शकों के लिए बढ़ती जिज्ञासा
फिल्म के बारे में इतना कुछ गुप्त रखे जाने के बाद, दर्शकों के मन में इसे लेकर उत्सुकता बढ़ना स्वाभाविक है। ‘भोज’ केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक संपूर्ण फिल्म की कहानी का आधार बन चुका है, जो गोरखपुर से निकलकर बड़े पर्दे पर जल्द ही धमाका करेगी।