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जयपुर में चल रहे Education Summit 2025 के दौरान राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने चित्तौड़गढ़ के सरकारी स्कूल में हुई शर्मनाक घटना पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने घटना को शिक्षा जगत पर धब्बा बताते हुए कहा, “ऐसे लोगों को शिक्षा के मंदिर में कोई जगह नहीं है। दोषी प्रिंसिपल और महिला टीचर को जल्द से जल्द टर्मिनेट किया जाएगा।”

शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?

शिक्षा मंत्री ने कहा, “शिक्षा का क्षेत्र पवित्रता और नैतिकता का प्रतीक है। चित्तौड़ की घटना ने न केवल विभाग की छवि खराब की है, बल्कि समाज के विश्वास को भी तोड़ा है। इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। जांच प्रक्रिया पूरी होते ही दोषियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।”

समिट के दौरान उठे सवाल

समिट में मौजूद शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई। कई वक्ताओं ने कहा कि ऐसे मामलों से बचने के लिए स्कूलों में नैतिक शिक्षा और कड़ी निगरानी की जरूरत है।

शिक्षा मंत्री ने की सुधारों की घोषणा

घटना से सबक लेते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ाई जाएगी। साथ ही, शिक्षकों और स्टाफ के लिए एथिक्स ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

ग्रामीणों और अभिभावकों में गुस्सा

चित्तौड़गढ़ की घटना ने न केवल शिक्षा विभाग को हिला दिया है, बल्कि अभिभावकों और ग्रामीणों में भी भारी गुस्सा है। लोग मांग कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले, ताकि यह दूसरों के लिए सबक बने।

घटना का असर समिट पर

हालांकि, जयपुर में चल रहे इस समिट का मकसद शिक्षा में सुधार और नई नीतियों पर चर्चा करना था, लेकिन चित्तौड़ की घटना ने इसे भी गहरा प्रभावित किया। समिट में हर चर्चा के दौरान यह मामला केंद्र में रहा।

शिक्षा मंत्री ने समापन में कहा, “राजस्थान में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।”

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