जालोर: राजनीतिक दलों के साथ जुड़े नामों में प्रेमसिंह राव का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। उनका राजनीतिक सफर पैसों के पॉवर पर आधारित है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या वे जालोर से संसद तक का सफर तय कर पाएंगे?
प्रेमसिंह राव, जो भीनमाल के रहने वाले हैं, ने अपने पैसों के जादू से मंदिर कार्यक्रमों में अपनी पहचान बनाई है। लेकिन, क्या यह पैसों का जादू उन्हें राजनीतिक अखाड़े में भी कामयाब बना सकता है?
वर्तमान में राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद, जालोर से संसद तक की राह पर प्रेमसिंह राव का नाम एक बार फिर से उभरा है। उनके पैसों के पॉवर ने सोशल मीडिया पर उन्हें एक नया पहचान दी है, जिसमें वे जालोर-सिरोही स्थान से संसद तक की ओर बढ़ रहे हैं।
हालांकि, प्रेमसिंह राव का राजनीतिक सफर बिना जनाधार के आधारित है, जो कि एक चुनौती हो सकती है। जालोर में पहले से ही कई दावेदार हैं जो संसद में प्रवेश के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, उनकी राजनीतिक क्षमता भी उनके लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
क्या प्रेमसिंह राव के पैसों का जादू उन्हें जालोर से संसद तक की ऊँचाइयों तक ले जाएगा, यह अभी देखने की बात है। लेकिन, उनके राजनीतिक अंदाज ने उन्हें जल्द ही संसद में नई रवानी दे सकते हैं।
पैसों के पॉवर से जालोर से संसद पहुंचने की फिराक में प्रेमसिंह राव
देश में राजनीतिक दलों के चहेते चेहरे बनाने की दौड़ में प्रेमसिंह राव जैसे नाम फिर से सुर्खियों में हैं। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को शीर्ष पर रखने के बाद, उनके साथ जुड़े चेहरों को संसद में पहुंचने की फिराक में कई नए चेहरे उभर रहे हैं। इसी क्रम में एक नाम है प्रेमसिंह राव, जिनका राजनीतिक करियर केवल पैसों के पॉवर पर आधारित है।
प्रेमसिंह राव, जिनके पास न तो पार्टी में कोई आधार है और न ही क्षेत्र में कोई जनाधार, केवल एक ही पॉवर है और वो है पैसा। उन्होंने बीते वर्षों में मंदिर कार्यक्रमों में अपना रुतबा बनाया है।
कौन हैं प्रेमसिंह राव?
प्रेमसिंह राव भीनमाल के रहने वाले हैं, जो इंजीनियरिंग के बाद रोड कंस्ट्रक्शन आदि की कंपनी संचालित करते हैं। उनके देश विदेश में बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। बीते वर्ष जालोर जिले के भीनमाल में नीलकंठ महादेव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में चर्चा में आए थे, जिससे उन्हें राजनीतिक ताकत का अहसास हुआ।
जालोर से संसदीय चुनाव में प्रेमसिंह राव का नाम?
राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद, अब जालोर से भी प्रेमसिंह राव की ओर से चर्चा में आ रहा है। भावी लोकसभा चुनाव में उनकी एंट्री की तैयारी जोरों पर है। इस ओर इशारा करते हुए, उनके नाम के साथ जालोर-सिरोही स्थान लिखे गए पब्लिक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इससे साफ है कि वह चुनाव में हिस्सा लेने की मंशा रखते हैं।
क्या है प्रेमसिंह राव की राह में कठिनाई?
प्रेमसिंह राव का राजनीतिक करियर सिर्फ पैसों के पॉवर पर आधारित है, जो कि उनके लिए एक चुनौती हो सकती है। जालोर में पहले से ही कई दावेदार हैं जो संसद में प्रवेश के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, प्रेमसिंह राव का जनाधार भी बनाना उनके लिए मुश्किल साबित हो
सकता है।
प्रेमसिंह राव के प्रयास की कितनी सफलता होगी, यह अभी देखने की बात है। यह भावना है कि उनकी एंट्री संसद में नई रवानी ला सकती है। लेकिन, राजनीतिक दालों में उनकी बढ़ती उपस्थिति ने दावेदारों के बीच भी कसी हुई है।